Ch-5 समकालीन विश्व में सुरक्षा

याद रखें

सुरक्षा का अर्थ आम तौर पर 'सुरक्षा' और 'रक्षा' दोनों शब्दों को एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है। सुरक्षा से अभिप्राय रक्षा नहीं है। सुरक्षा का शाब्दिक अर्थ "खतरे से स्वतन्त्रता है।" सुरक्षा का अर्थ किसी गंभीर खतरे से मुक्ति है।

सुरक्षा की धारण परिवर्तनशील धारणा है। यह समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलती रही है।

सुरक्षा की धारणा के पक्ष - (१) सुरक्षा की पारम्परिक धारणा और (ii) सुरक्षा की आधुनिक धारणा

आन्तरिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाले तत्त्व- (i) जातीय हिंसा, (ii) साम्प्रदायिकता (iii) आतंकवाद, (iv) अलगाववाद, (v) विश्वव्यापी निर्धनता और (vi) असमानता।

विश्व की सुरक्षा को ख़तरे - (i) पर्यावरण प्रदूषण । (ii) वैश्विक ताप में वृद्धि। (iii) महामारियाँ, (iv) प्राकृतिक आपदाएँ, (v) वैश्विक गरीबी, (vi) वैश्विक स्वास्थ्य और

(vii) शिक्षा। सुरक्षा की विधियाँ - (i) सामूहिक सुरक्षा अथवा शक्ति सन्तुलन, (ii) विश्वास की बहाली।

(iii) शस्त्र नियन्त्रण और निःशस्त्रीकरण की राजनीति।

मानव अधिकारों की समस्या मानव अधिकारों की समस्या के समाधान सम्बन्धी उपाय। भारत की सुरक्षा रणनीति (i) सैन्य क्षमता को मजबूत बनाना। (ii) अन्तर्राष्ट्रीय कानून और संस्थाओं में विश्वास। (iii) सैनिक गुटबन्दी से अलग रहना। (iv) आन्तरिक सुरक्षा और (v) सामाजिक आर्थिक असमानता को दूर करना।
प्रश्न 1. हमें सुरक्षा की क्यों आवश्यकता है ?

(H.P. Board March , 2012)

उत्तर- सुरक्षा की आवश्यकता मानव को आरम्भ से ही रही है। मानव सदैव अपनी सुरक्षा को लेकर चिन्ता में रहता है। प्राचीन काल में प्राकृतिक व्यवस्था में बदलाव के कारण अपनी सुरक्षा के लिए मानव चिन्ता करता था। निर्बल व्यक्ति शक्तिशाली व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक सुरक्षा के प्रति चिन्ताग्रस्त रहते हैं। 'बुर्जुआ वर्ग' के बढ़ते प्रभाव के कारण 'सर्वहारा वर्ग' ने अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षा की आवश्यकता को महसूस किया। अर्थात् प्रत्येक प्रकार के खतरों से बचाव करने के लिए व्यक्ति को सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2. सुरक्षा का शाब्दिक अर्थ लिखिए।

(H.P. Board March, 2013, 2020)

उत्तर- सुरक्षा का शाब्दिक अर्थ " खतरे से आजादी " है। व्यक्ति किसी भी प्रकार के भय और खतरे से मुक्त हो। आदि काल से आज तक मानव अपनी सुरक्षा को लेकर चिन्ताग्रस्त रहा है। इस प्रकार राष्ट्र राज्य की उत्पत्ति के साथ ही वे अपनी सुरक्षा के लिए चिन्ताग्रस्त रहे हैं।

प्रश्न 3. सुरक्षा का क्या अर्थ है ?

(H.P. Board March 2012, 2016; Sept., 2010)

सुरक्षा से क्या अभिप्राय है ?

अथवा

(H.P. Board March, 2015, 2021)

उत्तर- सुरक्षा का सामान्य रूप से अर्थ किसी खतरे से मुक्ति है। पर सुरक्षा शब्द का व्यक्ति के दैनिक जीवन में आने वाले खतरों से मुक्ति के लिए प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि इन खतरों के लिए शब्द रक्षा का प्रयोग करना अधिक उचित होता है। वास्तव में, सुरक्षा का प्रयोग गंभीर खतरों की मुक्ति के सम्बन्ध में किया जाता है। यदि उनको रोकने के लिए उपाय न किये जाएं तो क्षति पूर्ति सम्भव नहीं हो सकती। इसलिए गंभीर खतरों से मुक्ति को सुरक्षा का नाम दिया जाता है।

प्रश्न 4. सुरक्षा की परिभाषा दीजिए।

(H.P. Board March, 2009, 2012)

उत्तर- श्लीचर के विचारानुसार, "सुरक्षा व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य युद्धों से बचाव है... इसके लिए आपसी विश्वास तथा शक्ति का उचित आबंटन होना जरूरी है।"

पामर और परकिन्स के मतानुसार, "सुरक्षा का स्पष्ट अर्थ शक्ति के खतरे से निपटने के लिए उपाय

करना है।"

प्रश्न 5. सुरक्षा की परम्परागत धारणा क्या है ?

(H.P. Board March, 2020)

उत्तर- सुरक्षा की परम्परागत धारणा से अभिप्राय किसी राष्ट्र की सीमाओं व उसकी प्रभुसत्ता के संरक्षण से सम्बन्ध रखती है। इस धारणा में राष्ट्र की प्रभुसत्ता तथा राज्य के भू-भाग की रक्षा करने का लक्ष्य होता है। परम्परागत सुरक्षा के दो पहलू होते हैं- (i) बाहरी सुरक्षा और (ii) आन्तरिक सुरक्षा।

(i) बाहरी सुरक्षा बाहरी आक्रमण या युद्ध से जुड़ी होती है, क्योंकि बाहरी आक्रमण से देश की प्रभुसत्ता, स्वतन्त्रता और अखण्डता के लिए गंभीर खतरा होता है।

(ii) आन्तरिक सुरक्षा देश के भीतर सुरक्षा से जुड़ होती है। आन्तरिक सुरक्षा के बिना बाहरी सुरक्षा

सम्भव नहीं हो सकती।

प्रश्न 6. बाहरी सुरक्षा से क्या अभिप्राय है 

उत्तर- बाहरी सुरक्षा का सम्बन्ध बाहरी आक्रमण या

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